भई वाह,
क्या कहने इस टी-२० खेल के फॉरमेट का । लोगों की किकेट के प्रति सोच ही बदल डाली । जो लोग किकेट को समय बरबादी का खेल कहते थे आज इस खेल का लुफ्त उठाते नजर आते हैं। मसलन मेरे पिताजी जो इस खेल को काफी हिकारत भरी निगाहों से देखा करते थे। कहते थे खेल तो होता है हॉकी-फुटबाल, डेढ़ घंटे में पूरा जोर लगा देते है खिलाड़ी । किकेट भी कोई खेल है पूरा दिन खेलने वाले भी पागल और देखने वालों को क्या कहें (हम-तुम भी थे यार)। पर अब उनका नज़रिया बदल गया है । तेजी से बदलते किकेट के इस फारमेट ने उनके सोचने के तरीके को भी बदल डाला है। हर बॉल पर चौका या छक्के का प्रयास उन्हें भी भाने लगा है। पहले जहां टोंट मारते हुए पुछा करते थे कि क्या हुआ हार गई तुम्हारी कपल देव की टीम(पंजाबी टच में)अब पूछते हैं कि धोनी ने कितने रन बनाए। खैर आने वाले दिनों में किकेट दोबारा से परिभाषित होता नजर आएगा । ५०-५० ओवर के खेल की तो खैर ही समझिए। दश$कों की भीड़ जुटाना मश्किल हो सकता है। दश$कों को आदत पड़ गई है खेल में रोमांच के बने रहने की। उधर से शाहरुख-प्रीति-केटरिना आदि-आदि को देखने की भी। टी-२० के इस गेम ने लोगों की हालत ये कर दी है कि जहां किसी बल्लेबाज ने दो गेंद रोकी, वहीं उसे गालियां देने वाले शुरू हो गए है। दश$कों को चाहिए तो बस चौके छक्के । खाली गेद छोड़ना मतलब समझ लो...अब एेसे में ५०-५० के दश$कों व खेल का क्या होगा,खिलाड़ी भी जाने किस तरह अपने अरमानों को रोक पाएंगे । हर बॉल पर चौका छक्का मारना किस बल्लेबाज को नहीं भाएगा,लोगों की बदली सोच के बाद अब बॉल को लेफ्ट करने का मतलब अपने दश$कों के मुख से ...श्लोक सुनना समझिए। बहरहाल खेल में दुरगति हो रही है तो गेंदबाजों की । अभी तक के अधिकतर मैचों में बल्लेबाजों को ही मैन अॉफ मैच का इनाम मिला है। अब ५०-५० के फारमेट में जल्द बदलाव नहीं हुए तो दश$कों को घर घर जाकर जुटाना पड़ेगा। आने वाले िदनों में ५०-५० खेल के फारमेट की चिंता बीसीसीआई करे हमे तो मजा आ रहा है उसे आने दो। मरे अलावा वो लोग जो मैच देखने के िलए या तो अपने आफिसों में गोली देते नजर आते थे या छुट्टी कर घर बैठ जाते थे अब वो पूरे दिन के बजाय कुछ समय के लिए आफिस से गायब हो सकते हैं। या जल्दी निकलने का बहाना आसानी से बना सकते हैं। अब थोड़ा गंभीर हो जाते हैं
टी-२० के बाद दूसरे खेलों को बड़ा फायदा होने जा रहा है। लोगों का किकेट के प्रति मोह भंग जल्द होने वाला है। एेसी सूरत में लोग दोबारा हॉकी फुटबाल टीटी आदि इत्यादि खेलों की तरफ जाए एेसा होता जल्द नजर आएगा।लेकिन टी-२० फारमेट त्वाड़ा जवाब नहींभई वाह
Monday, May 26, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
अच्छा वर्णन दिया है। लिखते रहें।
shaandaar bhai Deepak, likhte raho, hamaari shubhkaamnaaye aapke saath hain.
Post a Comment