Friday, December 12, 2008

आजकल मेरी हर बात बस सपनों सी होती है

आजकल मेरी हर बात बस सपनों सी होती है
लेकिन नींद खुद मेरे आंगन में दुश्मन बन सोती है
करता हूं मैं जो प्रयास उसे रिझाने का
वो छिटक, कहती है काम है तेरा लोगों को जगाने का