आजकल मेरी हर बात बस सपनों सी होती हैलेकिन नींद खुद मेरे आंगन में दुश्मन बन सोती हैकरता हूं मैं जो प्रयास उसे रिझाने कावो छिटक, कहती है काम है तेरा लोगों को जगाने का
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