Thursday, December 11, 2008

मैंने तो फूलों की तरह खुशबू बांटी

मैंने तो फूलों की तरह खुशबू बांटी
पर मेरे हिस्से कांटे ही रहे
दिल की दौलत को खूब बांटा लोगों में

पर दिल के बाजार में घाटे ही रहे
और लोगों के कहे पर चुल्लू में भी डूब गए

पर किस्मत की हम वहां भी नाटे ही रहे
अब किसे सुनाए अपनी खैर

मुझे अपने ही लगने लगे हैं गैर
यूं तो मर गए होते हम
पर जिंदगी कहती है थोड़ा और थम

1 comment:

Himanshu Pandey said...

"और लोगों के कहे पर चुल्लू में भी डूब गए
पर किस्मत की हम वहां भी नाटे ही रहे"

वाह! वाह! वाह!
धन्यवाद .